Saturday, May 18, 2024
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नशा तस्करी: नारको टेररिज्म एक बड़ी चुनौती है, जिससे निपटने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

नशा तस्करी: नारको टेररिज्म एक बड़ी चुनौती है, जिससे निपटने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। सीमा पार से नशे और हथियारों की तस्करी रोकने के लिए सुरक्षा एजेंसियां मिलकर काम कर रही हैं। इसमें कामयाबी भी मिल रही है। इस तंत्र को और मजबूत किया जा रहा है। यह बातें डीजीपी दिलबाग सिंह ने रविवार को प्रेसवार्ता में कहीं।

उन्होंने बताया कि आतंकी संगठन और नशा तस्कर मिलकर काम कर रहे हैं। इसलिए अब नशे के साथ हथियारों की खेप आती है। ड्रग्स का इस्तेमाल नशा तस्कर पैसा कमाने और हथियारों का इस्तेमाल आतंकी कर रहे हैं। यहीं नहीं, नशा तस्करी के जरिए भी जमा होने वाला पैसा आतंकी गतिविधियों में लगाया जा रहा है। जम्मू और पंजाब आदि राज्यों में सीमापार से नशा आता है और इससे जमा होने वाला पैसा वापस पाकिस्तान जाता है। इसका इस्तेमाल पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी संगठन आतंक फैलाने के लिए करते हैं। यह बातें डीजीपी दिलबाग सिंह ने रविवार को प्रेसवार्ता में कहीं।

अब पाकिस्तान से जब ड्रोन आता है तो उसमें नशा और हथियाराें की खेप के साथ ही भारतीय करेंसी भी होती है। इससे प्रमाणित है कि यहां से पैसा उस पार जाता है। आतंकी गतिविधियों को चलाने के लिए ड्रोन के जरिए पैसा साथ में भेजा जाता है। सीमा पार से नशे और हथियारों की तस्करी रोकने के लिए सुरक्षा एजेंसियां मिलकर काम कर रही हैं। नारको टेरिज्म की चुनौती से निपटने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

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