Saturday, April 27, 2024
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आयकर रिटर्न (आईटीआर) भरना एक महत्वपूर्ण कानूनी कदम है

आयकर रिटर्न (आईटीआर) भरना एक महत्वपूर्ण कानूनी कदम है जो सभी भारतीय नागरिकों को अपने आय का विवरण प्रस्तुत करने की अनिवार्य जिम्मेदारी देता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आईटीआर में विदेशी संपत्तियों के खुलासे न करने पर आपको भारी जुर्माना भुगतना पड़ सकता है?

काला धन अधिनियम 2015 के तहत, विदेशी संपत्तियों के खुलासे की जरूरत हो सकती है। यदि आपने अपने आयकर रिटर्न में विदेशी संपत्तियों की जानकारी नहीं दी और इसे छिपाया है, तो आपको काला धन अधिनियम के तहत उल्लंघन के लिए दंडित किया जा सकता है। इसके परिणामस्वरूप, आपको जुर्माना भुगतना पड़ सकता है, जिसकी राशि 10 लाख रुपये तक हो सकती है।

आयकर विभाग ने विदेश में संपत्ति, विदेशी बैंक खाता, या किसी भी तरह की विदेशी आय हासिल करने वालों से आईटीआर में इसका खुलासा करने की सलाह दी है। यदि आप इसे नहीं करते हैं, तो आपको दंडित किया जा सकता है। इसलिए, यदि आपके पास विदेशी संपत्तियों, विदेशी बैंक खातों, या विदेशी स्रोतों से आय है, तो आपको आईटीआर के शेड्यूल एफए का पालन करना होगा।

आईटीआर में विदेशी संपत्तियों का खुलासा करने के द्वारा, आप न केवल कानूनी दायित्व का पालन कर रहे हैं, बल्कि आप भी अपनी आय की विश्वसनीयता को दर्ज कर रहे हैं। यह भी भ्रष्टाचार को रोकने और आम लोगों को अपने अधिकारों की सुरक्षा प्रदान करने में मदद कर सकता है।

ध्यान दें कि कुछ विशेष परिस्थितियों में, जैसे कि भारतीय मूल की योजनाओं में निवेश करने की स्थिति, शेड्यूल एफए की आवश्यकता नहीं हो सकती है। इसलिए, आयकर विभाग की मान्यता और आपकी वित्तीय स्थिति के हिसाब से, आपको इसे सुनिश्चित करने के लिए किसी विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए।

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